फीस व पुस्तकों की दर बढ़ाने पर दुकानदारों व स्कूल संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, 20 गिरफ्तार
जबलपुर। जिले में प्रशासन ने अवैध रूप से फीस और पाठ्य पुस्तकों की कीमतें बढ़ाने के आरोप में स्कूल पदाधिकारियों और दुकान मालिकों के खिलाफ 11 प्राथमिकियां दर्ज कराई है।
जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के अनुसार स्कूलों ने चालू सत्र में छात्रों से अवैध रूप से 81.3 करोड़ रुपये की फीस वसूल की है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने 11 स्कूलों पर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। डीएम दीपक सक्सेना ने मीडिया को बताया कि जिला प्रशासन ने स्कूल पदाधिकारियों और पाठ्य पुस्तक दुकान मालिकों के खिलाफ विभिन्न विसंगतियां पाए जाने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की है। कुछ स्कूलों ने जिला प्रशासन से अनुमति लिए बिना फीस में 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है। कुछ अन्य लोगों ने राज्य सरकार द्वारा गठित समिति से संपर्क किए बिना फीस में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की। उन्होंने कहा, इन 11 स्कूलों ने नियमों का पालन किए बिना चालू सत्र में फीस बढ़ा दी। जिला कलेक्टर ने कहा कि कई स्कूलों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट साझा नहीं की है। डीएम ने कहा कि अभिभावकों को किसी भी दुकान से पाठ्य पुस्तकें और स्टेशनरी खरीदने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूलों को इस संबंध में शपथ पत्र देना होता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। स्कूल हर साल किताबें बदलते हैं और विभिन्न कक्षाओं के लिए आवश्यक संख्या से अधिक किताबें निर्धारित की जाती हैं। कई किताबों में 70 से 100 फीसदी तक का मार्जिन होता है और किताबें खरीदने वाले छात्रों को मार्जिन नहीं दिया जाता है। उन्होंने जांच का हवाला देते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधन के पास यह जांचने वाला कोई नहीं है कि उन्हें पुरानी किताबों को बदलने की आवश्यकता क्यों है और प्रबंधन में एक विशेष व्यक्ति जिसका पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं है, वह पुरानी किताबें बंद करने का निर्णय ले रहा है।
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