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इंदौर के पांच नर्सिंग कॉलेज सील, हाईकोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई

 


इंदौर। मप्र का बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाला अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। हजारों स्टूडेंट्स का करियर इसमें दांव पर लग गया है। इंदौर के पांच नर्सिंग कॉलेज को सील कर दिया गया है । राजस्व और मेडिकल की टीम ने इन कॉलेजों के गेट पर हाईकोर्ट के नोटिस चस्पा किए और इन्हें सील कर दिया। अचानक इन कॉलेजों में पहुंची टीमों ने यहां  मौजूद कर्मचारियों से भी पूछताछ की। दरअसल हाल ही में इन कॉलेजों में अनियमितताओं के चलते हाई कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके बाद  एसडीएम ओमप्रकाश बडकुल, एसडीएम घनश्याम धनगर सहित प्रशासन की अलग-अलग टीमों ने इन कॉलेजों को सील करने की कार्रवाई शुरू की।

उल्लेखनीय है कि नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की शुरुआत 2020 में हुई थी। 2019 तक प्रदेश में 450 नर्सिंग कॉलेज रजिस्टर थे। 2020 में कोरोना काल आ गया और इस दौरान 2020 से 2022 तक 200 नए नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत हुए। लाखों की संख्या में यहां पर छात्रों ने एडमिशन ले लिए। बाद में छात्रों को परीक्षा और अन्य मामलों को लेकर संदेह होने लगा। छात्रों ने जब अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि कई कॉलेज फर्जी हैं और इन्हें मान्यता नहीं मिली है। इस जांच के बाद उन्होंने साक्ष्य जुटाकर अदालत में याचिकाएं दायर की। जबलपुर में वकील विशाल बघेल और ग्वालियर में वकील दिलीप शर्मा ने कोर्ट में याचिकाएं लगाईं। इन याचिकाओं को सुनने के बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी। सीबीआई ने पहले चरण में प्रदेश के 700 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों में से करीब 308 कॉलेजों की जांच की। इसमें सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को सूटेबल यानी पूर्ण, 66 कॉलेजों को अन सूटेबल यानी अपूर्ण कैटेगरी में रखा जबकि, 73 कॉलेजों को अनुपयुक्त बता दिया। इन सभी कॉलेजों में एक लाख से ज्यादा छात्रों ने एडमिशन लिया था।

इसके बाद इसमें नया मोड़ आया और पता चला कि इस घोटाले की जांच जिन सीबीआई अधिकारियों को दी गई थी वे ही रिश्वत लेकर कॉलेजों को क्लीन चिट दे रहे थे। इतने ही नहीं मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने भी उन कॉलेजों को बेहतर संस्थानों में शामिल कर दिया जिनके संचालक पहले से ही जांच एजेंसी की रिमांड पर हैं।

अभी तक इस मामले में सीबीआई के अधिकारियों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई की टीम इन सभी से दिल्ली में पूछताछ कर रही है।

इंदौर के ये पांचों कॉलेज छात्रों को परीक्षा दिलाने के बाद मार्कशीट नहीं दे पा रहे थे। इनमें से कुछ कॉलेजों ने छात्रों से पूरी फीस भी ले रखी है और छात्रों का आरोप है कि हमारी फीस भी नहीं लौटाई जा रही है। कई छात्रों के दस्तावेज भी इन कॉलेजों के पास में जमा हैं। इन सभी शिकायतों की वजह से हाईकोर्ट ने इन्हें सील करने का आदेश दिया है। जांच के लिए बनाई गई टीमें छात्रों के भी बयान ले रही हैं।